उड़ने की जब बुलंदी मिले
विश्व की तब जुगलबंदी मिले
आजादी से सब सज जाता है
वह भारत महान कहलाता है
वसुधैव कुटुम्बकम् जिसकी तान हो
तिरंगा सुखद सम्मान हो
आराधना का दीप जगमगाता है
वह भारत महान कहलाता है
ज्ञान हो, विज्ञान हो, खेत-खलिहान हो
गीत-संगीत में नित नई तान हो
खुशियॉ लुटाता है,भाग्य विधाता है
वह भारत महान कहलाता है
तिरंगे में सजा विश्व संदेश है
कई भाषाएं यहॉ कई भेष है
एक तार में यह देश गुनगुनाता है
वह भारत महान कहलाता है
हर दिल यहॉ प्यार की थाली सजाए
मिलजुलकर नित नई दुनिया सजाएं
यहॉ आनेवाला यहीं का हो जाता है
वह भारत महान कहलाता है
No comments:
Post a Comment